कुछ खास नहीं कवि पिता की संतान हूँ । ..... निर्दलीय प्रकाशन भोपाल द्वारा बर्ष 2012 में "युवा सृजन धर्मिता अलंकरण" से अलंकृत। जन चेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति पीलीभीत द्वारा 2017 श्रेष्ठ रचनाकार से सम्मानित कव्य रंगोली त्रैमासिक पत्रिका लखीमपुर खीरी द्वारा साहित्य भूषण सम्मान 2017 से सम्मानित "निश्चल" मन से निश्छल लिखते जाओ । ..... . (रचनाये मौलिक स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित .)
शनिवार, 19 नवंबर 2016
बचपन
बीत गया तन ।
रीत गया मन
ज्यों ज्यों बीता ,
बचपन बचपन ।
.
तन की तन से अनबन ।
मन की मन से उलझन ।
ज्यों ज्यों बीता ,
बचपन बचपन ।
.
ग़ुम हुआ कुछ यूँ ।
वो नटखट तन मन ।
ज्यों ज्यों बीता ,
बचपन बचपन ।
........ विवेक ......
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