लगाया कयास था के मैं मन उदास था ।
था खुशी के पास ग़म का अहसास था ।
...."निश्चल"@...
एक प्रश्न यहाँ है, के मेरा कौन वहाँ है ।
खोज रहा मन, अन्तर्मन मौन कहाँ है ।
..."निश्चल"@..
जिंदगी का ये कैसा फ़लसफ़ा है ।
के हर कोई हर किसी से ख़फ़ा है ।
...."निश्चल"@.....
रूठ कर अक्सर हमसे ,
तुम निगाहों से मुस्कुराते हो ।
.."निश्चल"@..
बे-वजह वजह पूछी नही जाती ।
चाहतों की रजा पूछी नही जाती ।
.."निश्चल"@.
मुस्कुराने का मसौदा कर लिया हमने ।
यूँ खुद से खुद सौदा कर लिया हमने ।
...."निश्चल"@....
बड़ी दूर तलक अंधेरा था ।
नजरों पे नजरों से पहरा था ।
चलते थे ले हाथों में हाथों को,
वो सफर बड़ा सुनहरा था ।
...."निश्चल"@...
जलाना तू एक चराग़ उजालों के सामने ,
अंधेरों में तो जुगनू भी राह दिखा देते है ।
..... विवेक दुबे"निश्चल".....
*जलाना तू एक चराग़ उजालों के सामने ,
*अंधेरों को तो जुगनू भी रोशन किया करते है ।*
..... विवेक दुबे"निश्चल"....
तु हुनर बाँटना अपने ही तरीक़े से ,
शागिर्द ही उस्ताद हुआ करते है ।
....विवेक दुबे"निश्चल"@....
*सरापा आरजू कर लिया उसने मुझे ।*
*क़तरा क़तरा चाहा था जिसने मुझे ।*
..... *"निश्चल"*@.....
सरापा(सम्पूर्ण)
बस इतना ही तो इक़रार है ।
के तुझे मुझ पे ऐतबार है ।
..."निश्चल"@.
ख़्याल में ख़्याल गुम हुए ।
यूँ इस तरह हमारे तुम हुए ।
...."निश्चल"@....
ख़्याल में ख़्याल गुम हुए ।
यूँ इस तरह हमारे तुम हुए ।
...."निश्चल"@....
बस इतना सा सौदा होता ।
खुशियों का न मसौदा होता ।
रो लेते तेरे कांधे पे सर रख ,
तूने बस एक ज़ख्म कुरेदा होता ।
...."निश्चल"@...
बादलो से भरे न आसमान थे ।
तेरे होने के कहीं तो निशान थे ।
मैं ताकत रहा रात भर ,
रात भर नजर नही चाँद थे ।
..."निश्चल"@..
तुम भी हद में रहो हम भी हद में रहे ।
फिर भले ये मोहोब्बत बेहद क्यूँ न हो जाये ।
..."निश्चल"@..
क्यों रुक गए ख़्वाब तुम साथ चलते चलते ,
मुश्किल हालात में तुम भी साथ छोड़ चले ।
.."निश्चल"
बे-मज़ा ज़िंदगी भी मज़ा रही है ।
तेरे इश्क़ की यही तो रज़ा रही है ।
..."निश्चल"...
Blog post 10/8/23