रौनकें जिंदगी आईने बदलती है ।
जैसे जैसे जिंदगी साँझ ढलती है ।
गुजरता कारवां मक़ाम से मुक़ाम तक ,
तब जाकर ही मंजिल मिलती है ।
....विवेक दुबे"निश्चल"@...
जिंदगी आईने सी कर दो ।
परछाइयाँ ही सामने धर दो ।
न सिमेटो कुछ भीतर अपने,
निग़ाह अक़्स मायने भर दो।
..."निश्चल"@....
ये उम्र जब पलटने लगती है ।
निगाहों से झलकने लगती है ।
होते है तजुर्बों के आईने सामने,
चश्म इरादे चमकने लगती है ।
....."निश्चल"@.....
मैं आईने सा हुनर, पा, न पाया ।
जो सामने आया, दिखा, न पाया ।
मैं छुपाता रहा, अक़्स, दुनियाँ के ,
मैं ख़ुद को ख़ुद में, छिपा, न पाया ।
....निश्चल"@.
रख जरा तू सामने आईने अपने ।
तू पूछ जरा खुद से मायने अपने ।
पाएगा खुद में ही खुद आपको ,
अपनी निगाहों के सामने अपने ।
...."निश्चल"@.....
हुए जब आईने के हवाले हैं ।
दिए आईने ने हमे सहारे हैं।
सहारा दे सच के दामन को ,
झूठ के सारे नक़ाब उतारे है।
...."निश्चल"@.....
कभी अपने आप को ,
आईने में रखना तुम ,
खुद को अक़्स से ,
आईने में झकना तुम ।
कहता है क्या फिर,
अक़्स तुम्हे देखकर ।
वयां कर अल्फ़ाज़ में,
अपने लिखना तुम ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
...... "निश्चल"@...
अक़्स आईने में देखो यदा क़दा ।
खुद को पहचानते रहो यदा कद ।
न ऐब लगाओ दुनियाँ को कभी ,
ऐब अपने तो खोजो यदा कदा ।
........ "निश्चल"@...
आइनों ने भी आईने दिखाए हमें ।
यूँ अक़्स अपने नज़र आए हमें ।
दूर रखकर दुनियाँ की निगाहों से,
तन्हा होने के अहसास कराए हमें।
....... "निश्चल"@...
आइनों ने भी भृम पाले हैं ।
रात से साये दिन के उजाले हैं ।
निग़ाह न मिला सका खुद से वो,
ऐब दुनियाँ में उसने निकले हैं ।
......... "निश्चल"@...
आइनों ने अक़्स उतारे हैं ।
जब आइनों में झाँके हैं।
जिंदा रखते है ज़मीर यूँ,
खुद को आइना दिखाते हैं ।
..... ... "निश्चल"@...
हर चेहरा शहर में नक़ली निकला ।
एक आईना ही असली निकला ।
लिया सहारा जिस भी काँधे का ,
वो काँधा भी जख़्मी निकला ।
... "निश्चल"@...
काश! आइनों के लव न सिले होते ।
काश! आईने भी बोल रहे होते।
तब,आईने में झांकने से पहले ।
हम,सौ सौ बार सोच रहे होते ।
....... "निश्चल"@...
झाँकता रहा आईने में अपने ।
बुनता रहा सुनहरे से सपने ।
सजते आँख में मोती कुछ ,
ढलक जमीं टूटते से सपने ।
...... "निश्चल"@...
सफ़र-ऐ-तलाश हम ही ।
सफर-ऐ-मुक़ाम हम ही ।
रख निगाहों को आईने में,
ख़्वाब-ऐ-ख़्याल हम ही ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@...