667A
दर्द मेरे दिल का ,
निग़ाह में असर नही रखता ।
शाम-ए-महफ़िल में,
वो मेरा जिकर नही रखता ।
...
दर्द मेरे दिल का ,
निग़ाह में नजर चाहिए।
शाम-ए-महफ़िल में,
मेरा भी जिकर चाहिए ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@.
डायरी 3
दर्द मेरे दिल का ,
निग़ाह में असर नही रखता ।
शाम-ए-महफ़िल में,
वो मेरा जिकर नही रखता ।
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दर्द मेरे दिल का ,
निग़ाह में नजर चाहिए।
शाम-ए-महफ़िल में,
मेरा भी जिकर चाहिए ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@.
डायरी 3