724
दुआओं में घुले रंग गुलाल ,
बस यूँ हाथ उठाते जाइए ।
जुबां-ओ-निग़ाह से ,
अमन रंग उड़ाते जाइए ।
न रहें तल्खियाँ कोई ,
जात-ओ-मज़हब में ,
इंसां को इंसान में ,
आब सा मिलते जाइए ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 6(125)
दुआओं में घुले रंग गुलाल ,
बस यूँ हाथ उठाते जाइए ।
जुबां-ओ-निग़ाह से ,
अमन रंग उड़ाते जाइए ।
न रहें तल्खियाँ कोई ,
जात-ओ-मज़हब में ,
इंसां को इंसान में ,
आब सा मिलते जाइए ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 6(125)