*अंसबधा छंद*
222 221 111 112 22
मीठे वादों से गरल कम नहीं होते ।
तीखे भावों से नयन नम नहीं होते ।
खो जाते हैं वो सब सजल नहीं होते ।
छूटे साथी भी जब सरल नहीं होते ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@.....
डायरी 5(131)
Blog post 1/9/18
222 221 111 112 22
मीठे वादों से गरल कम नहीं होते ।
तीखे भावों से नयन नम नहीं होते ।
खो जाते हैं वो सब सजल नहीं होते ।
छूटे साथी भी जब सरल नहीं होते ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@.....
डायरी 5(131)
Blog post 1/9/18