बुधवार, 1 नवंबर 2017


ठीक नही अब कुछ ।
 बिगड़ चला अब कुछ ।
 जीता था लड़कर जो,
 थक हार चला अब कुछ ।
  .... विवेक दुबे "निश्चल" ....



कलम चलती है शब्द जागते हैं।

सम्मान पत्र

  मान मिला सम्मान मिला।  अपनो में स्थान मिला ।  खिली कलम कमल सी,  शब्दों को स्वाभिमान मिला। मेरी यूँ आदतें आदत बनती गई ।  शब्द जागते...