*लेखन के सूत्र*
---- *सूक्ष्म प्रयास* ----
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लेखन के सूत्र बड़े दुष्कर थे ।
साहित्य शब्द बड़े प्रखर थे ।
कर सतत अथक प्रयास ,
चमके साहित्य में नक्षत्र थे ।
कुछ लेखन के सूत्र आधार गढ़े थे ।
ऋचाओं श्लोकों के जो मूल बने थे ।
रचे दोहा छंद सोरठा स्त्रोत चौपाई ,
ऋषि मुनि तपस्वी सब संपूर्ण बने थे।
ज्यों ज्यों युग बदले भाषाएँ बदलीं ।
त्यों त्यों विधाएँ लेखन की बदलीं ।
बदली जब तब शैली कला लेखन की ,
लेखन सूत्र वही मात्राएँ न बदलीं ।
आज लेखन सूत्र का आधार वही है।
गीता , रामायण का उपकार यही है ।
तुलसी,मीरा,कोटिल्य,विदुर,पढ़ें महान,
लेखन कला का बस आधार यही है ।
हर प्रमेय गणित का ज्यों सही है ।
व्यकरण मनीषियों का त्यों सही है ।
पा जाए इसके कुछ लेखन सूत्र,
सच्ची लेखन कला तो बस यही है ।
*सच्ची लेखन कला तो बस यही है ।*
...... विवेक दुबे©.....