वेगवती छंद(अर्ध सम वर्णिक)
विधान~ 4 चरण, 2-2 चरण समतुकांत।
विषम पाद- सगण सगण सगण गुरु(10वर्ण )
112 112 112 2
सम पाद-भगण भगण भगण गुरु गुरु(11वर्ण )
211 211 211 2 2
गढ़ता पढ़ता लिखता सा ।
काल कला बनता चलता सा ।
थमता जमता हिम सा जो ।
तीर नदी बहता जल सा जो ।
चुनता पथ पाहन जाता ।
वापस लौट नही पथ पाता ।
सुर पाकर साज बुझे से ।
मोहित लोचन आज झुके से ।
थकती कविता मन गाता ।
रीत रहा मन सावन जाता ।
शिव से शिव ही शुभ लाता ।
याचक चाह रहा अब दाता ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5(111)
विधान~ 4 चरण, 2-2 चरण समतुकांत।
विषम पाद- सगण सगण सगण गुरु(10वर्ण )
112 112 112 2
सम पाद-भगण भगण भगण गुरु गुरु(11वर्ण )
211 211 211 2 2
गढ़ता पढ़ता लिखता सा ।
काल कला बनता चलता सा ।
थमता जमता हिम सा जो ।
तीर नदी बहता जल सा जो ।
चुनता पथ पाहन जाता ।
वापस लौट नही पथ पाता ।
सुर पाकर साज बुझे से ।
मोहित लोचन आज झुके से ।
थकती कविता मन गाता ।
रीत रहा मन सावन जाता ।
शिव से शिव ही शुभ लाता ।
याचक चाह रहा अब दाता ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5(111)