गुरुवार, 13 अगस्त 2015

अब आजादी 70 के पास


आजादी अब बृद्ध हो रही
70 के पास पहुच रही
पर देखो इसकी नादानी
 बच्चों सी आज भी रो रही
ओ आजादी चुप हो जा
 न आँसू बहा
शायद तेरी मेरी हम सबकी
 नियति यही
वारिस आज तक
 कोई मिला नही
 जो वारिस बन आया
 उसने अपना ही कानून चलाया
न तेरा कुछ हो पाया
 न मेरा कुछ हो पाया
       .....विवेक...

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