रविवार, 19 फ़रवरी 2017

जीवन



हर मुश्किल हल होगी ।
 आज नही तो कल होगी ।
चलता चल जीवन पथ पर ,
 साँझ के आंगे सहर होगी ।
    ....


ज़ीवन के हर प्रश्न का हल
  ज़ीवन से ही मिलता है
  साँझ का सूरज ढ़लता है
   भोर भये फिर निकलता है

 हसरत को न काम दो ।
 नियत को न विराम दो ।
 होंसले को न विश्राम दो ।
 ज़ज़्बे को एक नाम दो ।
    ..
मैं कौन हूँ जमाना तय क्या करेगा ।
 मेरा हुनर ही तो मेरा आईना होगा ।।
    .....विवेक दुबे "निश्चल"@...

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