देख क्या होती है माँ
बच्चों की खुशियों पर क्यों रोती है माँ
दूनियाँ को ख़ुशी के नजर आये बो
पर माँ को पल याद आये बो
धरा था जिस वक़्त गर्भ में
जना था वाजी लगा जान की
नही की परवाह अपने प्राण की
सारे पल आज याद आये बो
दूनियाँ अपने दर्द कैसे बताये बो
बस अपनी आँखों से मोती बरसाये बो
यह बात तब और भी गहरी होती है
जब बो बेटिओं की माँ होती है
बो ताने याद आते है
जो बेटी जनने पर
दूनियाँ से बिन माँगे मिल जाते है मिलते ही जाते है
....विवेक...
4 टिप्पणियां:
खूबसूरत
बस आपकी नवाजिशे
यह होसला अफ़ज़ाई
और क्या चाहिए मुझे
सुन्दर रचना
सह्रदय आभार आदरणीया
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