गुरुवार, 29 अक्तूबर 2015

नहीं जाना मुझे उन ऊंचाइयों पर


नहीं जाना मुझे
              उन ऊंचाइयों पर
 नहीं छूना मुझे
                   वो आकाश
 रहूँ इसी धरा
                    धरातल पर
चाहूँ हर पल
                 अपनों का साथ
 यही मेरा आकाश

          ....विवेक...

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