गुरुवार, 10 मार्च 2016

महिला दिवस


महिला दिवस पर दो शब्द मेरे
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धरा है तू वसुंधरा है तू
अम्बिका जगदम्बिका है तू
तेरे बिन तो शिव को भी
न सत्कार स्वीकार हुआ
तेरी माया से ही
सम्पूर्ण ब्रम्हांड साकार हुआ।
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होंसला है तू आसरा है तू
सृजन है तू समर्पण है तू
शक्ति का कण कण है तू
बस और बस नमन है तू
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.... विवेक ......

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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