इन शब्दों के सफ़र में ...
वो यादों की ख़लिश,
वो मुलाकातों की तपिश हो ।
वो तन्हा तन्हा रात,
वो यादों का सवेरा हो।
लिख दूँ हर जज्बात ,
हर बात में कशिश हो ।
हों वो खुशियों के पल ,
वो रंजिशों के रंग हों ।
शब्दों का यह सफ़र ,
हर पल एक ग़ज़ल हो ।
यूँ ज़िन्दगी के आस पास ,
यूँ ज़िन्दगी के साथ साथ हो।
इन शब्दों के सफ़र में ....
....विवेक....
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