रविवार, 25 सितंबर 2022

वो ये जानते है शेर मुक्तक

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वो ये जानते है कि हम नादान से है ।

उनकी साजिशों से हम अंजान से है ।


रिवाज़ नही बेहूदगी का मेरी दुनीयाँ में,

उस्ताद साजिशों के हम भी ईमान से है।


 लगते साजिशों में वो बड़े मुकम्मिल,

 इरादे उनके नजर आते शैतान से है ।


 करते है बातें वो दिलो में फाँसले की,

 न जाने किस बात के उन्हें गुमान से है।


  कायम है वो ज़ख्म तीर जुवान के ,

 ये लफ़्ज़ लफ़्ज़ दिल में निशान से है ।



आये है तेरे घर में एक उम्र के वास्ते,

अब नही हम यहाँ तेरे मेहमान से है ।


.....विवेक दुबे"निश्चल"@....

ब्लॉग स्पॉट 24/9/22

डायरी 7

 

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