बुधवार, 12 अप्रैल 2023

हालात से बदल जाइये

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कुछ गलत भी चाहिए,कुछ सही के लिए ।

हालात से बदल जाइए , ज़िंदगी के लिए ।

कटते नहीं अंधेरे, अश्क़ निग़ाह लिए हुए ।

एक तबस्सुम भी चाहिए, तिश्निगी के लिए ।

पड़ते नही है हर क़दम, जीत लिए हुए ।

होंसला हार भी चाहिए,जीतने के लिए ।

उभरे हुए अंगार नक्स कुछ, वर्फ़ से हुए ।

एक निगाह आग चाहिए,पिघलने के लिए ।

हवा किनारे है दरिया के,मौजें लिए हुए।

नशा लहर भी चाहिए , मचलने के लिए ।

कटता नही सफ़र गुमनामी का"निश्चल" ।

 शोहरते शेर भी चाहिए,निखरने के लिए ।

... विवेक दुबे"निश्चल"@.....

Blog post 29/8/18 डायरी 7


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