शनिवार, 7 अक्तूबर 2023

क्या करूँ इन नफीसों का

  क्या करूँ इन नफीसों का ।

रिश्ता है जिनसे हबीबों सा ।

चले है राह, क़दम-दर-कदम,

ख़ुलूस है मगर रक़ीबों सा ।


...विवेक दुबे"निश्चल"@...

नफ़ीस/ सुंदर

हबीब/ दोस्त/मशूक

खुलूस/सम्बंध /सच्चाई/निश्छलता

रक़ीब/ प्रतिद्वंदी/प्रेमिका का दूसरा प्रेमी

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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