मैं कौन हूँ जमाना तय क्या करेगा ।
मेरा हुनर ही तो मेरा आईना होगा ।।
...
झुका लो पलके अपनी ,
पैरो तले जमीं देखो।
खुश रहो अपने हाल पर,
अपनी ही कमी देखो।
एक दिन जमीं भी,
सितारों से,सजी होगी।
चांद की नजर भी,
जमीं होगी।
उतरेगा सूरज भी,
फलक से जमीं पर ।
कदम चूमने तेरे।
उसकी भी तबियत होगी ।
.....विवेक दुबे "निश्चल"@...
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