रविवार, 17 मई 2015

होली की शुभ कामनाये


रंगने की धमकी ना दे, क्या तेरे रंगों से मै डर जाऊँगा |
रंगेगी मुझको तेरे हाथों से, मै भी तो रंग ले कर आऊँगा
कनक कंचनी काया तेरी, चमक रही है ऐसे जो चंदा सी
तेरी इस कंचनी काया को मै, मेरे रंग में रंग जाऊँगा |

होली की शुभकामनाएँ आप को

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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