मंगलवार, 21 जुलाई 2015

रात तो कट जाती है

रात तो कट जाती है।
 मौत ही नही आती है ।

आती भी दरवाज़े पर ,
दस्तक देकर चली जाती है ।

रस्में जिम्मेदारियों की और निभा ,
कह जाती , वक़्त अभी बाँकी है ।

पूरी नही लिखी तूने अपनी कहानी ,
आँख हड़बड़ाकर इतने में खुल जाती है ।

एक सिलसिला कल आज और कल का ,
ज़िन्दगी क्या है बात समझ आ जाती है ।

..
हर पल नव सृजन का बस ये सोचकर ,
 जिंदगी भी एक लुभाबनी कहानी है ।
 
जुट जाता है पूरे जोश-ओ-खरोश से ,
ज़िन्दगी की हर रस्म तो निभानी है । 
.
!!...विवेक दुबे"निश्चल"@....!

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