रविवार, 14 फ़रवरी 2016

मधु मास आया है


मधु मास आया है
कलियों पर यौवन छाया है
 भंवरों से मिलने को
 आतुर कलीयों की काया है
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आज मन बौराया है
 भंवरों ने प्रणय गान गया है
 धरा सजी दुल्हन सी
 देख गगन भी शरमाया है
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 देख श्रंगार धरा का
 चन्दा ने खुद को पिघलाया है
 पुष्पित सुरभित आज धरा
 चन्दा ने प्रणय रस बरसाया है
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   ..... विवेक ....


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