रविवार, 14 फ़रवरी 2016

नमन नमन तुम्हें नमन


( वीर जवान तुम्हे अर्पित श्रद्धा सुमन)
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नहीं चली थी कोई गोली
फिर भी
वो सुहागन विधवा हो ली
खोया माँ ने लाल
अनाथ हुआ नौनिहाल
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पूछो पूछो उनसे एक सवाल
अपनी सुख सुविधा पर
खूब लुटाते हो
अपने लिए हर सुख सुबिधा जुटाते हो
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माँ के इन सच्चे बेटों को
तुम क्या इतना कर पाते हो
जो आज भी जुगाड़ से
अपने हथियार चलाते हैं
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... विवेक ...
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सज़ल नयन करते नमन
मेरे यह श्रद्धा सुमन
अर्पित करता मैं श्रद्धांजलि
नमन नमन कोटिशः नमन
.... विवेक ,...
February 11

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