बुधवार, 13 जून 2018

अनुगामनी जीवन संगनी

रागनी तू अनुगामनी तू।
   राग तू अनुरागनी तू ।
          चारणी तू सहचारणी तू।
          शुभ तू शुभगामनी तू।
  नैया तू पतवार तू ।
  सागर तू किनार तू ।
             प्रणय प्रेम फुहार तू ।
            प्रकृति सा आधार तू ।              
 प्रीत का प्रसाद तू ।
 सुखद सा प्रकाश तू ।     
           खुशियों का आकाश तू।
          "विवेक" का विश्वास तू ।
   सँग तू साथ तू ,साँस साँस तू ।
   हृदय भरा "निश्चल" उल्लास तू ।
          सजीव जीवन संगनी तू ।
          सुखी जीवन आधार तू।
       .. विवेक दुबे "निश्चल"©,...


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