शनिवार, 30 दिसंबर 2023

भाग्य

 



जिसने भी जो बोया बस वो ही काटा है ।

भाग्य कहाँ कब किसने किससे बाँटा है ।

..."निश्चल"@...

भाग्य भाग्य से ही हारा है ।

मिलता नही कहीं सहारा है ।

घुटतीं है अब अभिलाषाएं  ,

आशाओं का नही किनारा है ।

..."निश्चल"@...


भाग्य से आगे चल सकते नही ।

किस्मत को बदल सकते नही ।

लिख दिया रेखाओं में जो उसने ,

उससे कभी निकल सकते नही ।

.....विवेक दुबे"निश्चल"@....


आस की प्यास भी जरूरी है ।

इतना अहसास भी जरूरी है ।

आकांक्षाओं का घट भरने को ,

भाग्य का पास भी जरूरी है ।

.....विवेक दुबे"निश्चल"@..


एक यही भाग्य का टोटा है ।

शब्दों ने शब्दों को रोका है ।

लिखता मन हर धड़कन को ।

अश्कों को पलकों ने सोखा है ।

.....विवेक दुबे"निश्चल"@....


 सब है पर क्यों कुछ नही  ।

 भाग्य पर क्यों बस नही ।

 चलता रोशनी की छाँव में

 पर साँझ ढले मुकाम नही  ।

...."निश्चल"@..


चलते रहो शायद यही भाग्य होता है ।

  मन में बस एक विश्वास होता है ।

 करती फैसले कुदरत अपने तरीके से ,

 और कुछ नहीं हमारे हाथ होता है ।

   ......"निश्चल"@..


चलते रहो शायद यही भाग्य हो ।

  मन में एक यही विश्वास हो।

 फैसला करे कुदरत अपने तरीके से ,

  तब सब कुछ हमारे हाथ हो।

..."निश्चल"@..


 बस कर्म ही हमारा साथ है ।

 भाग्य तो विधाता के हाथ है ।

खोया सुख चैन और कि चाह में  ,

जो प्राप्त है वो भी अपर्याप्त है ।

..."निश्चल"@..


आज मन विकल ,

 व्याकुल हर पल ।


 नही रहेगा कल ,

 हो जायेगा सहज सरल ।


 खो जायेंगे सब,

 अपने कामों में ।


 वक़्त कहा किस पर ,

 उलझे भूली बिसरी बातों में ।


  सोचेंगे न सकुचायेंगे ।

  नाम भाग्य का देकर ।


  जीवन की हर ,

    पहेली सुलझाएंगे ।

   ....विवेक दुबे"निश्चल"@....


सच क्या ? 

 जो सामने आये ।

झूठ क्या ?

 जो पकड़ा जाये ।

 डर क्या ? 

 जो भाग जाये ।

 निडर क्या ? 

 जो टकरा जाये ।

 भाग्य क्या ?

 जो बदल न पाये ।

 दुर्भाग्य क्या ? 

 जो बदल जाये ।

....विवेक दुबे"निश्चल"@......

Blog post 28/12/23

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