शनिवार, 5 दिसंबर 2015

कलम उठती नही


हाँ मैं जादूगर शब्दों का
 मग़र चुप रहता हूँ मैं
 हाँ मैं कलाकार कलम का
 मग़र लिखता नहीं हूँ मैं
 सुनता हूँ बाते दुनियां की
 पड़ता हूँ लोगों की कलम को
  सुन कर बाते दुनियां की
  खामोश रह जाता हूँ
 पढ़ कर कलम लोगो की
 कलम उठती नहीं मेरी
   ....विवेक®...

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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