सोमवार, 13 मार्च 2017

हम तुम एक जैसे






कैसे को कहूँ कैसे 
 तुझे अच्छा न कहूँ तो
 तुझे बुरा कहूँ कैसे 
 मैं हूँ तू भी है बैसे
   .... विवेक ...



































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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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