सोमवार, 13 मार्च 2017

नारी शक्ति


----- नारी शक्ति को समर्पित दो शब्द _____
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दूर दूर है तू हे आकाश

 धरा है तू हे तू हर दम
पास पास साथ साथ

 गिरा बुलंदियों से जब भी कोई
  आया बस और बस तेरे ही पास

 सहज लिया अपने आँचल में
 देकर अपना विश्वास

 पाकर आश्रय तेरी कोख का
 छू गया नन्हा बीज भी आकाश
  ....... विवेक .......

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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