शुक्रवार, 31 मार्च 2017

रंग सुनहले फागुन के


यह रंग सुनहरे फ़ागुन के
 धुँधले धुँधले बिन साजन के
 टेसू फूले मन भावन से
 झड़ते सूने आँगन में
यह रंग सुनहरे ...
प्रीत के रंग भरे पिचकारी मे
 चुप चाप खड़ी लाचारी मे
 सूने नैना राह तकें राहों मे
 रंग नही अब इन फागों में
  यह रंग सुनहरे ,......
तपता मन चाँदनी रातों में
चँदा चलता ज्यों अंगारों पे
 शीतल बसन्त बयारों में
  साँसे तपतीं साँसों से
यह रंग सुनहरे .....
 ..... विवेक ,.....

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