शुक्रवार, 31 मार्च 2017

न हो मायूस


न हो मायूस तू दुनियाँ की बातों से
सब्र से बड़ा कोई इम्तेहान नही
वक़्त आएगा तेरा भी एक दिन
वक़्त बीत जाएगा उसका उस दिन
 ....... विवेक .....

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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