रविवार, 3 दिसंबर 2017

किस किस को याद रखोगे


किस किस को याद रखोगे।
 किस किस को भूल पाओगे ।
 कदम तले कामयाबियों के,
 नाकामयाबियों को पाओगे ।

 माना कि धरता है हर क़दम तू ,
अपनी पूरी हुनरदारी के साथ ।
 नुक़्स निकलेगा कोई न कोई,
 ज़माने को कहाँ छोड़ पाओगे ।

 जीते हैं सब अपने ही तरीक़े से,
 अपना तरीक़ा तुम कहाँ पाओगे ।
 चला चल बस ख़ामोश रहो तुम ,
 मंज़िल तो एक दिन पा ही जाओगे ।
 किस किस को याद .....
 किस किस को .....
   .... "निश्चल" *विवेक* ...©


कोई टिप्पणी नहीं:

कलम चलती है शब्द जागते हैं।

सम्मान पत्र

  मान मिला सम्मान मिला।  अपनो में स्थान मिला ।  खिली कलम कमल सी,  शब्दों को स्वाभिमान मिला। मेरी यूँ आदतें आदत बनती गई ।  शब्द जागते...