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जो क़ाबिल तेरे होगा ।
वो ही तो तेरा होगा ।
ठहरेगा वो साथ तेरे ,
उफ़्क तक डेरा होगा ।
न टूटे धारें दरिया की ,
समंदर सा सेहरा होगा ।
न दीवारें शक सुवा कोई,
न निग़ाहों का पहरा होगा ।
जो पहचान बने अपनी ,
वो अपना ही चेहरा होगा ।
एक ठहरे से गहरे दरिया से ,
रिश्ता रूह का गहरा होगा ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@....
जो भी क़ाबिल तेरे होगा ।
एक वो ही तो तेरा होगा ।
ठहरेगा हर हाल साथ तेरे ,
उफ़्क तक साथ गहरा होगा ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@...
डायरी 6(113)
जो क़ाबिल तेरे होगा ।
वो ही तो तेरा होगा ।
ठहरेगा वो साथ तेरे ,
उफ़्क तक डेरा होगा ।
न टूटे धारें दरिया की ,
समंदर सा सेहरा होगा ।
न दीवारें शक सुवा कोई,
न निग़ाहों का पहरा होगा ।
जो पहचान बने अपनी ,
वो अपना ही चेहरा होगा ।
एक ठहरे से गहरे दरिया से ,
रिश्ता रूह का गहरा होगा ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@....
जो भी क़ाबिल तेरे होगा ।
एक वो ही तो तेरा होगा ।
ठहरेगा हर हाल साथ तेरे ,
उफ़्क तक साथ गहरा होगा ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@...
डायरी 6(113)
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