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एक पोषित पुष्प लता से ।
यूँ एक नाता गढ़े धरा से ।
खेल रहा रवि रश्मि सँग ,
चँचल चितवन चित्त भरा से ।
छूने की अंबर अभिलाषा में ,
झोंका पवन झूम हिला से ।
एक सजीव भरा जड़ भीतर ,
जीवन जीव आज मिला से ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 6(117)
एक पोषित पुष्प लता से ।
यूँ एक नाता गढ़े धरा से ।
खेल रहा रवि रश्मि सँग ,
चँचल चितवन चित्त भरा से ।
छूने की अंबर अभिलाषा में ,
झोंका पवन झूम हिला से ।
एक सजीव भरा जड़ भीतर ,
जीवन जीव आज मिला से ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 6(117)
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