शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

एक पोषित पुष्प लता से ।

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एक पोषित पुष्प लता से ।
यूँ एक नाता गढ़े धरा से ।

खेल रहा रवि रश्मि सँग ,
चँचल चितवन चित्त भरा से ।

छूने की अंबर अभिलाषा में ,
झोंका पवन झूम हिला से ।

एक सजीव भरा जड़ भीतर ,
जीवन जीव आज मिला से ।

... विवेक दुबे"निश्चल"@..

डायरी 6(117)

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