बुधवार, 21 अगस्त 2019

मैं

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मैं ही समस्या ,
 मैं ही समाधान हूँ ।

  मैं ही आदान ,
  मैं ही प्रदान हूँ ।

 मैं दृष्टा स्वयं ही स्वयं का,
 स्वयं ही स्वयं के समान हूँ ।

....विवेक दुबे "निश्चल"@..




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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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