नयन बिलोकत खिलत कमल ।
नयनाभिराम वो सुखद पल ।
अधर धरें मदमाती थिरकन ,
याद रहें वो पल हर पल ।
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मृग नैना वो चंचल चंचल ।
पुलकित पुष्पित कोमल तन ।
फूले टेसू अंग अंग रची सुगन्ध ,
अहसासों के महकत मकरन्द ।
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यह पल हर पल पल पल ।
सज गया जो ज़ीवन पल ।
रंग गया मन तन तन मन ,
इस होली संग तर तन मन ।
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...... विवेक ....
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