बुधवार, 13 सितंबर 2017

रिश्ता


  यादों में फूल सा महकता है ।
  यूँ रिश्ता मेरा वा-खूब सा है ।
  ....

एक प्यार पुराना था ।
वो अहसास पुराना था।
 खिलातीं थी खुशियाँ ,
 वो गुलज़ार पुराना था ।
 अक़्स उभरते आँखों मे ,
 वो क़िरदार पुराना था ।
 चलते अब भी जिन राहों पे ,
 उन राहों का अग्यार पुराना था।
 हया भरी निगाहों का,
 वो दिलदार पुराना था।
 क़तरे गिरते शबनम के ,
 वो चाँद पुराना था ।


  ..... विवेक दुबे©....
ब्लॉग 13/7/17

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