यादों में फूल सा महकता है ।
यूँ रिश्ता मेरा वा-खूब सा है ।
....
एक प्यार पुराना था ।
वो अहसास पुराना था।
खिलातीं थी खुशियाँ ,
वो गुलज़ार पुराना था ।
अक़्स उभरते आँखों मे ,
वो क़िरदार पुराना था ।
चलते अब भी जिन राहों पे ,
उन राहों का अग्यार पुराना था।
हया भरी निगाहों का,
वो दिलदार पुराना था।
क़तरे गिरते शबनम के ,
वो चाँद पुराना था ।
..... विवेक दुबे©....
ब्लॉग 13/7/17
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