जो भागे सत्य से , वो साहित्य कैसा।
आईना बही दिखाता , जो है जैसा।
सम्बंध न तेरा है न मेरा है।
यह दुनियाँ रेन बसेरा है।
उड़ जाएगा पंक्षी एक दिन,
पिंजरे में दो दिन का डेरा है।
.... विवेक दुबे "निश्चल"©....
आईना बही दिखाता , जो है जैसा।
सम्बंध न तेरा है न मेरा है।
यह दुनियाँ रेन बसेरा है।
उड़ जाएगा पंक्षी एक दिन,
पिंजरे में दो दिन का डेरा है।
.... विवेक दुबे "निश्चल"©....
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