मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020

प्रचण्ड चंड नन्दनी

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प्रचण्ड चंड नंदनी ।
 असुर शीश खंडनी ।
     महा पाप भंजनी ।
      महा देव वंदनी । 

 सहस्त्र कोटि भानु सम ,
 दिव्य तेज धरणी ।
       पाप के विनाश को ,
      महा माया रजनी ।

श्वेत वस्त्र धार के ,
 अशेष ज्ञान प्रदायनी ,
     महा ज्ञान प्रकाशनी  ।
     नमामि देवी नमोस्तुते ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 7

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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