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प्रचण्ड चंड नंदनी ।
असुर शीश खंडनी ।
महा पाप भंजनी ।
महा देव वंदनी ।
सहस्त्र कोटि भानु सम ,
दिव्य तेज धरणी ।
पाप के विनाश को ,
महा माया रजनी ।
श्वेत वस्त्र धार के ,
अशेष ज्ञान प्रदायनी ,
महा ज्ञान प्रकाशनी ।
नमामि देवी नमोस्तुते ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 7
प्रचण्ड चंड नंदनी ।
असुर शीश खंडनी ।
महा पाप भंजनी ।
महा देव वंदनी ।
सहस्त्र कोटि भानु सम ,
दिव्य तेज धरणी ।
पाप के विनाश को ,
महा माया रजनी ।
श्वेत वस्त्र धार के ,
अशेष ज्ञान प्रदायनी ,
महा ज्ञान प्रकाशनी ।
नमामि देवी नमोस्तुते ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 7
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