तैल देखो तेल की धार देखो
कुर्सी की दोधारी तलवार देखो
सहो सब अत्याचार देखो
होता हर अत्याचार देखो
एक वोट की कीमत पर
संसद सत्र का चित्रहार देखो
देखो देखो यह लोकतंत्र का
व्यबहार देखो
इनका शिष्टाचार देखो
प्रजातन्त्र के मंदिर का हाल देखो
....विवेक दुबे "विवेक"©...
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