शनिवार, 16 जनवरी 2016

सब कुछ कहतीं आंखे


आशा के गीत सुनाती आँखें ।
खुशियों के भाव सजतीं आँखें ।

 सोच खुश हो जातीं आँखें ।
 जो कुछ पा जातीं आँखें  ।

 मोती फ़ूल झराती आँखें।
 सब कह जातीं आँखे ।

 यादों मे खो जातीं आँखे ।
भर तर हो जातीं आँखे ।

 खुशियों से मुस्काती आँखे ।
 जब स्वप्न सजाती आँखे ।

 ठेस लगी सुनी हो जातीं आँखें ।
 निराशा बादल से बरस जातीं आँखें ।

 यह आँखे तेरी आँखे ।
 यह आँखे मेरी आँखें ।
      ....विवेक दुबे"निश्चल"@..
   

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