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शोकहर छंद / सुभंगी छंद
विधान ~ 8,8,8,6 मात्राओं पर यति, पहली दूसरी यति अंत तुकांत, चार चरण संतुकांत
ठहरे जल में , रूप कमल से ,
शांत सरोवर , खिलते है ।
पथ पर चल कर , चौराहों पर ,
साथ सदा पग , मिलते है ।
निज पथ पर चल , तू चलता चल ।
पथ पग चल कर , बनते है।
आश्रय यही , विश्राम नही ,
हर द्वार सफल , खुलते है ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5
शोकहर छंद / सुभंगी छंद
विधान ~ 8,8,8,6 मात्राओं पर यति, पहली दूसरी यति अंत तुकांत, चार चरण संतुकांत
ठहरे जल में , रूप कमल से ,
शांत सरोवर , खिलते है ।
पथ पर चल कर , चौराहों पर ,
साथ सदा पग , मिलते है ।
निज पथ पर चल , तू चलता चल ।
पथ पग चल कर , बनते है।
आश्रय यही , विश्राम नही ,
हर द्वार सफल , खुलते है ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5
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