शनिवार, 11 अगस्त 2018

शोक हर छंद

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शोकहर छंद / सुभंगी छंद

विधान ~ 8,8,8,6 मात्राओं पर यति, पहली दूसरी यति अंत तुकांत, चार चरण संतुकांत

ठहरे जल में , रूप कमल से ,
शांत सरोवर ,   खिलते है  ।

 पथ पर चल कर , चौराहों पर ,
 साथ सदा पग  ,  मिलते है  ।

निज पथ पर चल  , तू चलता चल ।
पथ पग चल कर ,   बनते है।

  आश्रय यही ,   विश्राम  नही ,
  हर द्वार सफल ,  खुलते है ।

... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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