बुधवार, 20 मार्च 2019

अपनो में पहचान मिले ।

719
मान मिले सम्मान मिले ।
अपनो में पहचान मिले ।

     रहें सदा नयनों के आंगे ,
     चरणों में चाहे स्थान मिले ।

हार चलूँ अपनो से हरदम ,
रिश्तों में न अभिमान मिले ।

      न रहे पराजित मान कोई ,
      स्व से स्वयं सम्मान मिले ।

 "निश्चल" रहे न अहमं कोई ,
  प्राणों में ऐसी आन मिले ।

     ...विवेक दुबे"निश्चल"@...
डायरी 6(130)

कोई टिप्पणी नहीं:

कलम चलती है शब्द जागते हैं।

सम्मान पत्र

  मान मिला सम्मान मिला।  अपनो में स्थान मिला ।  खिली कलम कमल सी,  शब्दों को स्वाभिमान मिला। मेरी यूँ आदतें आदत बनती गई ।  शब्द जागते...