बुधवार, 20 मार्च 2019

माँ तेरे आँचल की

717a
ओ माँ तेरे आँचल की ,
 हर पुरानी याद आती है ।

चुने जो फूल वास्ते मेरे , 
वो हर निशानी याद आती है ।

मैं कैसे कहूँ के ,
है नही सामने अब तू मेरे ,

मेरी साँसों में हर धड़कन ,
 लेकर तेरी सुहानी याद आती है ।

.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
डायरी 6 (128a)

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