717a
ओ माँ तेरे आँचल की ,
हर पुरानी याद आती है ।
चुने जो फूल वास्ते मेरे ,
वो हर निशानी याद आती है ।
मैं कैसे कहूँ के ,
है नही सामने अब तू मेरे ,
मेरी साँसों में हर धड़कन ,
लेकर तेरी सुहानी याद आती है ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
डायरी 6 (128a)
ओ माँ तेरे आँचल की ,
हर पुरानी याद आती है ।
चुने जो फूल वास्ते मेरे ,
वो हर निशानी याद आती है ।
मैं कैसे कहूँ के ,
है नही सामने अब तू मेरे ,
मेरी साँसों में हर धड़कन ,
लेकर तेरी सुहानी याद आती है ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
डायरी 6 (128a)
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