उजियारो को अंधियारा रोक न पायेगा ।
भोर मुहाने पर सूरज उजियार लायेगा ।
युद्ध जीतेंगे योद्धा साहस की दम पर ,
कोरोना पे कोई बार नही खाली जायेगा ।
देव दूत से दिन रात खड़े जो रक्षा में ,
सेवा भाव मीठा फल दिखलायेगा ।
भेद नही कोई जात पात मजहब में ,
नजरो में हर रोगी मानव कहलायेगा ।
जीतेगी निश्चित ही मानवता दानवता से ,
हर योद्धा अंश प्रभु का ही कहलायेगा ।
शीश झुकाओ सब प्रभु के चरणों में ,
निवेदन प्रभु के आशीषों से भर जायेगा।
ढाल बनेगी हरदम कृपा प्रभु जी की ,
संकट हर योद्धा के सर से टल जायेगा ।
.."निश्चल"@....
डायरी 7
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