...... जीवन संगनी....
रागनी तू अनुगामनी तू।
राग तू अनुरागनी तू ।
चारणी तू सहचारणी तू।
शुभ तू शुभगामनी तू।
नैया तू पतवार तू ।
सागर तू किनार तू ।
प्रणय प्रेम फुहार तू ।
प्रकृति सा आधार तू ।
प्रीत का प्रसाद तू ।
सुखद सा प्रकाश तू ।
खुशियों का आकाश तू।
"विवेक" का विश्वास तू ।
...... *विवेक दुबे* ©,.....
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