सोमवार, 9 अक्तूबर 2017

होंसला


वो सफर जरा मुश्किल था ।
 वो पत्थर नही मंज़िल था ।
 निशां न थे कहीं कदमों के ,
 हौंसला फिर भी हाँसिल था ।
 ..... विवेक दुबे©....



   

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