सहसा पसरता मौन नही ,
मौन के अंदर मौन नही ।
ध्वनित हुआ एकाकीपन ,
अंतर् उतरी एक हलचल ।
जाना तब उस महान को ।
क्षण भंगुर जीवन ज्ञान को ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@...
मौन के अंदर मौन नही ।
ध्वनित हुआ एकाकीपन ,
अंतर् उतरी एक हलचल ।
जाना तब उस महान को ।
क्षण भंगुर जीवन ज्ञान को ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@...
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