बुधवार, 23 मई 2018

ज़ज्बात लिखूँ

ज़ज्बात लिखूँ अपने हालात लिखूँ ।
 जिंदगी किस तरह तुझे साथ लिखूँ । 

 डूबकर तन्हाइयों में अक्सर ,
 खुशियों की मुलाक़त लिखूँ ।

 जी रही जिंदगी ख़ातिर जिनके, 
 सपनों के उनकी सौगात लिखूँ ।

  न जीतकर भी अपने हालत से ,
 जीतने के मैं अपने ज़ज्बात लिखूँ ।

 चलता हूँ नमुकम्मिल सा सफर पे ,
 मुकम्मिल सफ़र से हालात लिखूँ ।

 अपने ज़ज्बात लिखूँ हालात लिखूँ ।
 जिंदगी तुझे"निश्चल"विश्वास लिखूँ ।

.... विवेक दुबे"निश्चल"@....

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