जीवन संग्रामों से हार नही मानूँगा ।
दुर्गम राहों पर विश्राम नही मागूँगा ।
चलता हूँ अथक निरन्तर पथ पर ,
ज़ीवन पथ से मुक़ाम नही मागूँगा ।
हार रहीं है प्रति पल अभिलाषाएं ,
आशाओं से प्रमाण नही मागूँगा ।
मैं ज़ीवन को जीने की खातिर ,
ज़ीवन को अभिमान नही मानूँगा ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@.
दुर्गम राहों पर विश्राम नही मागूँगा ।
चलता हूँ अथक निरन्तर पथ पर ,
ज़ीवन पथ से मुक़ाम नही मागूँगा ।
हार रहीं है प्रति पल अभिलाषाएं ,
आशाओं से प्रमाण नही मागूँगा ।
मैं ज़ीवन को जीने की खातिर ,
ज़ीवन को अभिमान नही मानूँगा ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@.
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