वर्ष , हर वर्ष बदल जाते हो तुम ।
खामोशी से ,निकल जाते हो तुम ,
बदलकर , दुनियाँ को दुनियाँ से ,
ख़ुद ही ख़ुद में ,ढल जाते हो तुम ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@ ....
वर्ष,हर वर्ष बदल जाते हो तुम ।
ले दे कर,निकल जाते हो तुम ,
बदलकर , दुनियाँ को दुनियाँ से ,
ख़ुद ही ख़ुद में ,ढल जाते हो तुम ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@
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